ये उस मिटटी की बातें हैं जहाँ जय हिन्द गाते हैं

ये उस मिटटी की बातें हैं जहाँ जय हिन्द गाते हैं 

RATNESH MEHRA
RATNESH MEHRA

जहाँ नदियां ग़ज़ल गायें, जहाँ श्री राम आते हैं 
ये धरती मापने दो डग, स्वयं घनश्याम आते हैं 

मीरा और तुलसी के जहाँ सब छंद गाते हैं 
ये उस मिटटी की बातें हैं जहाँ जय हिन्द गाते हैं 

जहाँ धरती को माता मानकर सम्मान देते हैं 
जहाँ जन्मे अगर पुत्री तो सीता नाम देते हैं 

जिस धरती में जीने का सभी आनंद गाते हैं 
ये उस मिटटी की बातें हैं जहा जय हिन्द गाते हैं 

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